
TTN डेस्क
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू/एसीबी (EOW/ACB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आज विशेष न्यायालय रायपुर में आठवां अभियोग पत्र पेश किया। यह पूरक चालान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के विरुद्ध दाखिल किया गया है। जांच में सामने आया है कि इस घोटाले का दायरा अब 3500 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच सकता है।
0 सिंडिकेट के ‘संरक्षक’ थे चैतन्य बघेल
ईओडब्ल्यू की जांच के अनुसार, चैतन्य बघेल की भूमिका आबकारी विभाग में वसूली तंत्र (सिंडिकेट) खड़ा करने और उसे संरक्षण देने की रही है। वे प्रशासनिक अधिकारियों (अनिल टुटेजा, सौम्या चौरसिया आदि) और सिंडिकेट के जमीनी स्तर के मुखियाओं (अनवर ढेबर, अरविंद सिंह आदि) के बीच तालमेल बिठाने और उन्हें निर्देशित करने का मुख्य काम करते थे।
0 250 करोड़ की हिस्सेदारी और मनी लॉन्ड्रिंग
अभियोग पत्र में दावा किया गया है कि चैतन्य बघेल ने इस घोटाले से अपने हिस्से के रूप में लगभग 200 से 250 करोड़ रुपये प्राप्त किए।चैतन्य बघेल को विगत जुलाई माह में उनके जन्मदिन पर अरेस्ट किया गया था तब से वह जेल में है।शराब घोटाले के अन्य आरोपी भी जेल में है। शराब घोटाले से मिली अपने हिस्से की राशि को ठिकाने लगाने के लिए उन्होंने निम्नलिखित तरीके अपनाए:
* अनवर ढेबर की टीम द्वारा एकत्रित रकम को भरोसेमंद लोगों के जरिए उच्च स्तर तक पहुंचाया।
* त्रिलोक सिंह ढिल्लन की फर्मों से बैंकिंग चैनल के माध्यम से पैसा अपनी पारिवारिक फर्मों में ट्रांसफर किया।
* इस अवैध धन का उपयोग निर्माणाधीन रियल एस्टेट परियोजनाओं में निवेश के लिए किया गया।
* पारिवारिक मित्रों और सहयोगियों के जरिए भी बड़ी मात्रा में घोटाले की रकम का निवेश पाया गया है।
0 3074 करोड़ से बढ़कर 3500 करोड़ पहुंचा घोटाला
जांच एजेंसी ने बताया कि अब तक की गणना के आधार पर शराब घोटाले की रकम 3074 करोड़ रुपये पाई गई है। हालांकि, एजेंसी का अनुमान है कि जैसे-जैसे अग्रिम जांच बढ़ेगी, सभी स्रोतों से एकत्रित यह अवैध राशि 3500 करोड़ रुपये के पार पहुंच जाएगी।
न्यायालय में पेश किए गए इस चालान में गिरफ्तार आरोपियों के डिजिटल एविडेंस और जांच की वर्तमान स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट भी शामिल की गई है। मामले की विवेचना अभी भी निरंतर जारी है।


