TTN डेस्क
गांधीनगर।गुजरात भाजपा को आज शनिवार को उसका नया अध्यक्ष मिल गया है, जिसका आधिकारिक ऐलान हो चुका है। जगदीश विश्वकर्मा को इस पद के लिए निर्विरोध चुना गया है, क्योंकि वह शुक्रवार को नामांकन करने वाले एकमात्र उम्मीदवार थे। उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल का स्थान लिया, जिनका कार्यकाल जुलाई 2023 में समाप्त होने के बावजूद वे पद पर बने हुए थे।
0 कौन हैं जगदीश विश्वकर्मा?
* जन्म: 12 अगस्त 1973 को अहमदाबाद में।
* राजनीतिक सफर: उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन बूथ लेवल कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया और बाद में जिला स्तर पर भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाईं।
* जातीय पहचान: वे ओबीसी वर्ग से आते हैं और गुजरात में इस वर्ग के प्रमुख नेताओं में गिने जाते हैं।
* विधायक: वे निकोल सीट से तीन बार के विधायक हैं।
0 जातीय समीकरण साधने की भाजपा की रणनीति
भाजपा ने जगदीश विश्वकर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जातीय समीकरणों पर बड़ा दांव खेला है।
* ओबीसी प्रतिनिधित्व: विश्वकर्मा पंचाल समुदाय से आते हैं और ओबीसी के एक बड़े नेता हैं। अगले साल होने वाले नगर निगम और पंचायत चुनावों को देखते हुए, भाजपा ने जानबूझकर एक ओबीसी नेता को कमान सौंपी है ताकि राज्य में जातिगत समीकरणों को संतुलित किया जा सके।
* कांग्रेस को जवाब: कांग्रेस ने भी ओबीसी नेता अमित चावड़ा को अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, जिसके जवाब में भाजपा ने यह कदम उठाया है।
0 मोदी-शाह के करीबी और संघ से संबंध
जगदीश विश्वकर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने अहमदाबाद भाजपा अध्यक्ष के रूप में इन दोनों नेताओं के साथ काम किया है।
0 RSS से गहरा जुड़ाव
गुजरात भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से अच्छे संबंध हैं। भाजपा नेताओं के अनुसार, विश्वकर्मा आरएसएस और भाजपा की कार्य संस्कृति से पूरी तरह जुड़े हुए हैं। बताया गया है कि उनका नाम करीब एक साल से प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में था।
0 गृह मंत्री हर्ष संघवी का बयान
प्रदेश के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने जगदीश विश्वकर्मा के बारे में कहा कि वह उनके प्रति अपार सम्मान रखते हैं। उन्होंने विश्वकर्मा को ज़मीनी कार्यकर्ता बताया जो राज्य के लोगों के लिए काम करते रहेंगे। संघवी ने कहा कि “उनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है और आज वह गुजरात भाजपा अध्यक्ष बनने जा रहे हैं; ऐसा केवल भाजपा में ही संभव है।”