कोरबा: श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ ‘तुलसी पूजन दिवस’

0 भव्य संकीर्तन यात्रा में उमड़े श्रद्धालु

TTN डेस्क

कोरबा। श्री योग वेदांत सेवा समिति, कोरबा के तत्वावधान में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 25 दिसंबर को ‘तुलसी पूजन दिवस’ समारोह भव्यता के साथ मनाया गया। सप्तदेव मंदिर, सीतामढ़ी रोड में आयोजित इस कार्यक्रम में भक्ति और सेवा का अनूठा संगम देखने को मिला।

0 भव्य संकीर्तन यात्रा और मार्ग में स्वागत

समारोह का मुख्य आकर्षण टी.पी. नगर प्रेस कॉम्प्लेक्स से निकलने वाली भव्य संकीर्तन यात्रा रही। समिति के संरक्षक एवं प्रथम अध्यक्ष श्री अशोक मोदी द्वारा तुलसी पूजन और श्रीफल फोड़कर यात्रा की शुरुआत की गई।

यह यात्रा पावर हाउस रोड से होते हुए मेन रोड कोरबा, गणेश डोगरी और रजवाड़े कुर्मी समाज भवन से होकर वापस सप्तदेव मंदिर पहुंची।

0 बिखरी छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक छटा

यात्रा में बाजे-गाजे और बग्घी रथ के साथ-साथ पारंपरिक ‘कर्मा नृत्य’ की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया।
मार्ग में प्रेस क्लब परिवार, गायत्री परिवार, सिंधी पंचायत समाज और सरयूपारिण द्विज ब्राह्मण समाज द्वारा शोभायात्रा का आत्मीय स्वागत किया गया।

इस दौरान श्रद्धालुओं को खिचड़ी, बूंदी, गुड़-पापड़ी (चिक्की) का भोग प्रसाद वितरित किया गया।

0 मंच से दी गई भारतीय संस्कृति की सीख

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने तुलसी के आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व पर अपने विचार रखे:

* आरोग्य की प्राप्ति: समिति के पूर्व प्रथम अध्यक्ष श्री अशोक मोदी ने कहा कि नियमित तुलसी पूजन से आरोग्यता और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
* प्राचीन परंपरा: पूर्व पार्षद श्री जगदीश श्रीवास ने बताया कि तुलसी पूजन अनादि काल से चली आ रही परंपरा है, जिसका पालन स्वयं भगवान श्री राम ने भी किया था।
* व्यसनों से मुक्ति का संदेश: समिति के वर्तमान अध्यक्ष श्री ईश्वरी प्रसाद साहू ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष के अंत में शराब का सेवन और व्यभिचार चरम पर रहता है, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ती हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी को इन बुराइयों से बचाने के लिए तुलसी पूजन को एक वैश्विक विकल्प के रूप में अपनाने पर जोर दिया।
* एकजुटता की अपील: सिंधी पंचायत समाज के संरक्षक श्री कंवर राम मनवानी ने हिन्दू धर्म को एक रहने और किसी भी हिन्दू पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ एकजुट होने की सलाह दी।

0 निशुल्क वितरण और समापन

समिति द्वारा इस पावन अवसर पर तुलसी के पौधों और ‘तुलसी महात्म्य’ नामक पुस्तक का निशुल्क वितरण किया गया। साथ ही आश्रम के सत्साहित्य और सामग्री की स्टाल भी लगाई गई थी। कार्यक्रम का समापन सप्तदेव मंदिर में विशेष हवन, भजन-कीर्तन, भव्य आरती और विशाल भंडारे (भोजन प्रसाद) के साथ हुआ।