कोरबा: निशुल्क शिविर से लौट रहे डॉक्टर पर जानलेवा हमला, आईएमए ने दी आंदोलन की चेतावनी

TTN डेस्क

कोरबा। जिले के गेवरा-दीपका क्षेत्र में एक दुस्साहसिक घटना सामने आई है। ग्राम रलिया में सीएसआर (CSR) के तहत एसईसीएल आयोजित निशुल्क स्वास्थ्य शिविर से लौट रहे नेहरू शताब्दी अस्पताल (NCH) के चिकित्सक डॉ. अर्पण विश्वास पर कुछ युवकों ने जानलेवा हमला कर दिया। इस घटना के बाद चिकित्सा समुदाय में भारी आक्रोश है और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

0 कतार में लगने की सलाह पर भड़के आरोपी

जानकारी के अनुसार, सोमवार को ग्राम रलिया में निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया था। इलाज के लिए पहुंचे ग्रामीण रामनारायण पटेल को डॉ. विश्वास ने नियमपूर्वक कतार (लाइन) में खड़े होकर उपचार कराने को कहा। इस बात पर पटेल ने आपत्ति जताई और डॉक्टर को देख लेने की धमकी दी।

0 रास्ते में रोककर लात-घूंसों से की मारपीट

आरोप है कि शिविर समाप्त होने के बाद जब डॉ. अर्पण विश्वास, स्टाफ और एम्बुलेंस कर्मियों के साथ वापस लौट रहे थे, तभी रामनारायण पटेल, नीरज पटेल और दो अन्य युवकों ने उनका रास्ता रोक लिया। आरोपियों ने डॉक्टर के साथ गाली-गलौज करते हुए उन पर लात-घूंसों से हमला कर दिया। इस हमले में डॉक्टर की आंख, सीने और पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं। किसी तरह जान बचाकर डॉक्टर और स्टाफ वहां से निकले और दीपका थाने पहुंचकर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई।

0 पुलिस ने दर्ज की FIR, गिरफ्तारी की मांग

हरदीबाजार थाना पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296, 115(2), 351(3) और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। एनसीएच अस्पताल के सीएमएस डॉ. कल्याण सरकार ने भी मानव संसाधन स्टाफ ऑफिसर को लिखित शिकायत देकर डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और निष्पक्ष जांच की मांग की है।

0 IMA ने कहा: “चिकित्सा सेवा पर सीधा प्रहार”

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कोरबा ने इस हमले की तीखी निंदा की है। IMA अध्यक्ष डॉ. एस. चंदानी एवं सचिव डॉ. अजय स्वर्णकार ने संयुक्त बयान में कहा कि डॉक्टरों पर हमला केवल व्यक्ति विशेष पर नहीं, बल्कि पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था और समाज के विश्वास पर हमला है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई और प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था लागू नहीं की गई, तो डॉक्टर सामूहिक एवं लोकतांत्रिक कदम उठाने को मजबूर होंगे। आईएमए का स्पष्ट संदेश है— “डॉक्टर सुरक्षित, तभी समाज सुरक्षित।”

0 आईएमए की प्रमुख मांगें

* घटना में शामिल सभी दोषियों की तत्काल और निष्पक्ष गिरफ्तारी हो।

* स्वास्थ्य शिविरों, अस्पताल परिसरों और फील्ड ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों को ठोस सुरक्षा दी जाए।

* भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।