कोरबा : आत्मानंद स्कूल के बच्चों ने बारिश में भीगते हुए किया स्टेट हाइवे जाम,शिक्षक की कमी से है परेशान

00 कोरबा जिलांतर्गत पसान के आत्मानंद स्कूल में शिक्षकों की कमी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित

TTN डेस्क

कोरबा जिले के पसान स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल की छात्रों ने बुधवार को बारिश के बीच भीगते हुए स्टेट हाइवे में चक्का जाम कर दिया।बाद में मौके पर पहुंचे तहसीलदार और थाना प्रभारी की समझाइश और आश्वासन पर वे माने।

पसान का आत्मानंद स्कूल इन दिनों शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा है, जिसके कारण छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। यह स्कूल, जो छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत शुरू किया गया था, अब अपने मूल उद्देश्य से भटकता दिखाई दे रहा है। स्कूल में छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति में देरी और अपर्याप्त व्यवस्था ने इसे गंभीर संकट में डाल दिया है। स्थानीय अभिभावकों और छात्रों के अनुसार, कई विषयों के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, जिससे पढ़ाई का स्तर गिर रहा है।

0 5 शिक्षकों पर सैकड़ों बच्चों का बोझ

जानकारी के मुताबिक, पसान के आत्मानंद स्कूल में वर्तमान में केवल 5 शिक्षक कार्यरत हैं, जो सैकड़ों बच्चों की शिक्षा का भार संभालने को मजबूर हैं। स्कूल में नामांकित छात्रों की संख्या करीब 300 से अधिक बताई जा रही है, जबकि इतने बड़े स्कूल के लिए न्यूनतम 15-20 शिक्षकों की जरूरत है। इस असंतुलन के कारण शिक्षकों पर अत्यधिक दबाव है, और वे सभी कक्षाओं और विषयों को कवर करने में असमर्थ हैं। परिणामस्वरूप, कई छात्रों को आवश्यक मार्गदर्शन और व्यक्तिगत ध्यान नहीं मिल पा रहा है, जो उनकी शैक्षिक प्रगति को प्रभावित कर रहा है।

0 छात्रों और अभिभावकों का विरोध

इस समस्या से नाराज छात्र और उनके अभिभावक अब खुलकर सामने आ रहे हैं। कुछ दिनों पहले छात्रों ने स्कूल परिसर में प्रदर्शन किया और शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई अधर में लटकी है, और वे चिंतित हैं कि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो उनके बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। एक अभिभावक ने बताया, “हमने अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए इस स्कूल में भेजा, लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण वे कुछ सीख नहीं पा रहे हैं।”

0 प्रशासन का जवाब और भविष्य की योजना

जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने इस मुद्दे पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है। डीईओ के अनुसार, शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी, और स्कूल की जरूरतों के अनुसार स्टाफ बढ़ाया जाएगा। हालांकि, अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे लोगों में प्रशासन के प्रति अविश्वास बढ़ रहा है। अधिकारियों का दावा है कि कोविड-19 के बाद शिक्षक भर्ती में देरी हुई, लेकिन अब इसे प्राथमिकता दी जा रही है।

0 शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

यह स्थिति कोरबा जिले के अन्य स्कूलों में भी देखी जा रही है, जहाँ शिक्षकों की कमी ने शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि
सरकार को आत्मानंद स्कूलों की मूल अवधारणा को मजबूत करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए, जिसमें शिक्षकों की नियुक्ति, प्रशिक्षण, और स्कूलों के बुनियादी ढांचे पर ध्यान देना शामिल है। अगर यह समस्या हल नहीं हुई, तो ये स्कूल अपने उद्देश्य को पूरा करने में विफल हो सकते हैं, जो राज्य के शैक्षिक विकास के लिए एक बड़ा झटका होगा।