TTN डेस्क
रायपुर: केरल में छत्तीसगढ़ के एक दलित प्रवासी मजदूर की ‘बांग्लादेशी’ होने के संदेह में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या (मॉब लिंचिंग) किए जाने की घटना पर जमात-ए-इस्लामी हिंद, छत्तीसगढ़ ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। संगठन के मीडिया सचिव श्री वाहिद सिद्दीकी ने इस घटना को अमानवीय बताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
0 अमानवीयता की पराकाष्ठा
श्री वाहिद सिद्दीकी ने कहा कि राम नारायण (पिता: गोविंद राम), जो रोजी-रोटी की तलाश में केरल गए थे, उन्हें बिना किसी जांच के केवल शक के आधार पर निशाना बनाना देश की कानून-व्यवस्था और मानवीय गरिमा पर बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा, “पहचान के आधार पर की जाने वाली ऐसी हिंसा किसी भी सभ्य समाज के लिए घातक है।”
0 जमात-ए-इस्लामी हिंद की प्रमुख मांगें
संगठन ने सरकार और प्रशासन के समक्ष निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
* न्यायिक जांच: पूरे मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए।
* कड़ी सजा: लिंचिंग में शामिल सभी दोषियों को चिह्नित कर उन्हें कानून के तहत कठोरतम दंड दिया जाए।
* मुआवजा: पीड़ित परिवार को तत्काल उचित वित्तीय मुआवजा, सुरक्षा और पुनर्वास सहायता प्रदान की जाए।
* सुरक्षा नीति: देशभर में प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के लिए ठोस नीतिगत कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
0 संविधान पर हमला
प्रेस विज्ञप्ति में जोर दिया गया कि यह घटना संविधान द्वारा प्रदत्त जीवन के अधिकार का उल्लंघन है। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि वे न्याय दिलाने के लिए हर संवैधानिक और लोकतांत्रिक प्रयास का समर्थन करेंगे।


