00 राहुल गांधी के “वोट चोरी” और “एटम बम” जैसे बयान और ECI का तीखा जवाब इस विवाद को और गहरा रहे हैं। जबकि कांग्रेस का दावा है कि उनके पास “100% सबूत” हैं, ECI ने इन आरोपों को निराधार बताया और अपने अधिकारियों को निष्पक्षता से काम करने का निर्देश दिया।
00 यह मामला तब तक अनसुलझा रहेगा, जब तक कांग्रेस अपने दावों को ठोस सबूतों के साथ सार्वजनिक नहीं करती। बिहार SIR और आगामी कर्नाटक के खुलासे इस विवाद को और तूल दे सकते हैं।
TTN Desk
1 अगस्त 2025 को, नई दिल्ली में संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए, राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर “वोट चोरी” का गंभीर आरोप लगाया।
0 राहुल गांधी के बयान की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं…
“पुख्ता सबूत” और “एटम बम”: राहुल ने दावा किया कि कांग्रेस ने छह महीने की स्वतंत्र जांच के बाद “ओपन एंड शट” (निर्विवाद) सबूत जुटाए हैं, जो यह साबित करते हैं कि ECI ने बीजेपी के पक्ष में वोट चोरी की। उन्होंने इन सबूतों को “एटम बम” की संज्ञा दी, जिसके सार्वजनिक होने पर “चुनाव आयोग देश में कहीं नहीं दिखेगा।”
मध्य प्रदेश, लोकसभा और महाराष्ट्र में संदेह: राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी को 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2024 के लोकसभा चुनाव, और हाल के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अनियमितताओं का संदेह था। खास तौर पर, महाराष्ट्र में मतदाता सूची में “एक करोड़ नए मतदाता” जोड़े जाने की बात ने उनकी शंकाओं को गहरा किया।
चुनाव आयोग के अधिकारियों को चेतावनी: राहुल ने ECI के अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी, कहा कि “ऊपर से नीचे तक” जो भी इस “वोट चोरी” में शामिल है, उसे बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे सेवानिवृत्त हो गए हों या कहीं और हों। उन्होंने इसे “देशद्रोह” करार दिया और कहा, “आप भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं, और यह देशद्रोह से कम नहीं है।”
बिहार SIR पर सवाल: राहुल ने बिहार में चल रहे विशेष गहन संशोधन (SIR) अभियान को मतदाताओं को “वंचित” करने का प्रयास बताया, विशेष रूप से आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया बीजेपी के पक्ष में मतदाता सूची में हेरफेर करने का हिस्सा है।
राहुल ने यह भी कहा कि कांग्रेस जल्द ही कर्नाटक की एक लोकसभा सीट पर “चुनावी धांधली” के सबूत सार्वजनिक करेगी, और यह “हजारों सीटों पर होने वाली हेरफेर” का हिस्सा है।
0 राहुल के आरोपों पर चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों का तीखा जवाब देते हुए इसे “निराधार” और “गैर-जिम्मेदाराना” बताया। चुनाव आयोग के जवाब के प्रमुख बिंदु इस प्रकार है….
आरोपों को खारिज करना: ECI ने कहा कि वह “रोज़ाना लगाए जा रहे निराधार आरोपों” को नजरअंदाज करता है और अपने अधिकारियों को ऐसी “गैर-जिम्मेदार बयानबाजी” से न डरने और निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ काम करने का निर्देश दिया।
कानूनी प्रक्रिया पर सवाल: ECI ने सवाल उठाया कि यदि कांग्रेस के पास “पुख्ता सबूत” हैं, तो उन्होंने निर्धारित समय में कानूनी रास्ते (जैसे चुनाव याचिका) का सहारा क्यों नहीं लिया। आयोग ने कहा कि ऐसी गंभीर बातों को मीडिया में “विस्फोटक बयानों” के जरिए उठाना अनुचित और अस्वीकार्य है।
कर्नाटक का उदाहरण: ECI ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक की मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया का हवाला दिया, जिसमें 31 जिला निर्वाचन अधिकारी, 419 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, और 58,834 बूथ लेवल अधिकारी शामिल थे। सभी मान्यता प्राप्त दलों, जिसमें कांग्रेस भी शामिल थी, के बूथ लेवल एजेंट्स ने इस प्रक्रिया में हिस्सा लिया। ECI ने कहा कि इस पारदर्शी प्रक्रिया में कोई शिकायत नहीं उठाई गई थी।
राहुल को दिया था निमंत्रण: ECI ने बताया कि 12 जून को राहुल गांधी को उनके पिछले आरोपों पर चर्चा के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और न ही कोई औपचारिक पत्र भेजा।
0 सरकार की प्रतिक्रिया
किरेन रिजिजू: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल के बयानों को “लोकतंत्र के लिए खतरा” और “संवैधानिक संस्थाओं पर हमला” बताया। उन्होंने कहा कि राहुल बार-बार संवैधानिक संस्थाओं को धमकाते हैं, और यह “राष्ट्र को नुकसान पहुंचाने की साजिश” है। रिजिजू ने सवाल किया कि अगर कांग्रेस को 2014 में बीजेपी की जीत पर शक था, तो केरल, तमिलनाडु, पंजाब, और पश्चिम बंगाल में उनकी जीत कैसे हुई।