00 अनिल अंबानी से जुड़े ₹3,000 करोड़ के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहली गिरफ्तारी की है।
TTN Desk
बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (BTPL) के प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत हिरासत में लिया गया है। ED ने खुलासा किया कि BTPL ने रिलायंस पावर लिमिटेड, जो अनिल अंबानी की कंपनी है, से ₹5.4 करोड़ प्राप्त किए, ताकि फर्जी बैंक गारंटी की व्यवस्था की जा सके। यह गारंटी, ₹68.2 करोड़ की, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को दी गई थी और यह जाली दस्तावेजों और एक स्पूफ्ड डोमेन ‘s-bi.co.in’ (SBI के असली डोमेन sbi.co.in से मिलता-जुलता) का उपयोग करके बनाई गई थी।
0 अनिल अंबानी पर कसता शिकंजा
इसके अलावा, ED ने अनिल अंबानी के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया है, जिसके तहत उन्हें जांच अधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना भारत छोड़ने की अनुमति नहीं है। अंबानी को 5 अगस्त, 2025 को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। यह मामला 2017-2019 के बीच यस बैंक से रिलायंस समूह की कंपनियों को दिए गए ₹3,000 करोड़ के ऋणों की कथित हेराफेरी से संबंधित है, जिसमें संदिग्ध रिश्वतखोरी और quid pro quo व्यवस्था के आरोप हैं।
ED ने 24 जुलाई से शुरू हुए छापों में 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों से जुड़े 35 स्थानों की तलाशी ली, जिसमें कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए। बिस्वाल को एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जिसने उनकी हिरासत बुधवार तक ED को दी। यह जांच CBI द्वारा दर्ज दो FIRs और SEBI, नेशनल हाउसिंग बैंक, और अन्य वित्तीय संस्थानों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है।