ऑपरेशन सिंदूर : आधुनिक युद्ध का ब्लूप्रिंट, अमेरिका को भी सीखना चाहिए… जानिए और क्या कहते है अमेरिकी युद्ध विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर

ऑपरेशन सिंदूर’ आधुनिक युद्ध का ब्लूप्रिंट, अमेरिका को भी सीखना चाहि

OO स्मॉल वॉर्स जर्नल में शहरी युद्ध विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर ने भारत की रणनीति को सराहा, पाकिस्तान की चीनी वायु रक्षा प्रणाली की खोली पोल

TTN Desk

“स्मॉल वॉर्स जर्नल” के हालिया अंक में प्रकाशित अपने विश्लेषण में, अमेरिकी सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी और मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट में शहरी युद्ध अध्ययन के अध्यक्ष जॉन स्पेंसर ने भारत के  “ऑपरेशन सिंदूर” को “एक बड़ी जीत” और आधुनिक युद्ध के लिए एक “ब्लूप्रिंट” करार दिया है। स्पेंसर ने इस ऑपरेशन को न केवल भारत की सैन्य सफलता का प्रमाण बताया है, बल्कि अमेरिका जैसे देशों के लिए भी एक चेतावनी और सीखने का अवसर बताया है।

मुख्य बातें: ऑपरेशन सिंदूर की निर्णायक जीत

* तेज और सटीक कार्रवाई: स्पेंसर ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” एक आतंकवादी हमले के बाद भारत की त्वरित, सटीक और सुनियोजित सैन्य प्रतिक्रिया थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने अतीत की तरह देरी नहीं की, बल्कि तुरंत और निर्णायक रूप से जवाब दिया।

* रणनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति:

उनके अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर ने अपने रणनीतिक उद्देश्यों को न केवल पूरा किया, बल्कि उनसे आगे निकल गया। इन उद्देश्यों में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना, सैन्य श्रेष्ठता का प्रदर्शन करना, प्रतिरोधक क्षमता बहाल करना और एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत पेश करना शामिल था।

* प्रतीकात्मक नहीं, निर्णायक शक्ति:

स्पेंसर ने स्पष्ट किया कि यह केवल प्रतीकात्मक बल का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि निर्णायक शक्ति का स्पष्ट और प्रभावी अनुप्रयोग था। भारत ने चार दिनों की सैन्य कार्रवाई में ही “विशाल जीत” हासिल कर ली।

* भारत के दृष्टिकोण में बदलाव:

यह ऑपरेशन सीमा पार आतंकवाद और राष्ट्रीय रक्षा के प्रति भारत के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, जो क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करता है।

* पाकिस्तान की हवाई रक्षा प्रणाली की विफलता:

स्पेंसर ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल की गई चीनी वायु रक्षा प्रणालियाँ भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों का मुकाबला करने में विफल रहीं। उन्होंने लिखा कि भारतीय मिसाइलें पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों में घुसने और उन पर हमला करने में सक्षम थीं, जिससे चीनी प्रणालियों की अक्षमता उजागर हुई।

* आत्मनिर्भरता और स्वदेशी नवाचार:

स्पेंसर ने भारत की सफलता का श्रेय उसकी उन्नत मारक क्षमता और बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणालियों को दिया, जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित रक्षा प्रणालियों जैसे ब्रह्मोस मिसाइल, आकाशतीर वायु रक्षा इकाइयाँ और लोइटरिंग म्यूनिशन (स्काईस्ट्राइकर, हारोप) का महत्वपूर्ण योगदान था। यह भारत के “मेक इन इंडिया” रक्षा पहल की सफलता को दर्शाता है।

* अमेरिका के लिए चेतावनी:

स्पेंसर ने तर्क दिया कि भारत की बढ़ती सैन्य सफलता और लागत प्रभावी नवाचार अमेरिकी रक्षा प्रणाली में गंभीर कमजोरियों को उजागर करते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि अमेरिका पुराने शीत युद्ध के मॉडल और एकाधिकारवादी रक्षा ठेकेदारों से चिपका हुआ है, जबकि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और कम लागत वाले, स्केलेबल युद्ध मॉडल बना रहा है। स्पेंसर और विंसेंट वियोला ने अपने लेख में अमेरिकी रक्षा सुधार की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।

O ऑपरेशन सिंदूर: एक नई सैन्य डॉक्ट्रिन

स्पेंसर ने “ऑपरेशन सिंदूर” को भारत के लिए एक “नया डॉक्ट्रिन” बताया है। उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान के क्षेत्र से शुरू किए गए आतंकवादी हमलों को अब युद्ध के कृत्यों के रूप में माना जाएगा। वह सीमा फिर से परिभाषित की गई है – और लागू की गई है।” यह एक स्पष्ट प्रतिरोधक ढांचा स्थापित करता है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने अपनी आक्रामक और रक्षात्मक क्षमताओं, विशेष रूप से वास्तविक समय की युद्ध स्थितियों के तहत स्वदेशी प्लेटफार्मों के प्रदर्शन को कैसे प्रदर्शित किया।

O भारत की बदलती राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का संकेत ये ऑपरेशन

जॉन स्पेंसर के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि “ऑपरेशन सिंदूर” सिर्फ एक सैन्य जीत नहीं थी, बल्कि यह भारत की बदलती राष्ट्रीय सुरक्षा नीति, उसकी सैन्य क्षमताओं में वृद्धि और आतंकवाद के प्रति उसके ‘नो-टोलरेंस’ (कोई बर्दाश्त नहीं) दृष्टिकोण का प्रतीक है। यह ऑपरेशन भविष्य के युद्धों के लिए एक अध्ययन का विषय बन गया है, खासकर उन देशों के लिए जो आतंकवाद और सीमा पार से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।