ऐतिहासिक क्षण : भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर


00 व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने का लक्ष्य, 2030 तक व्यापार दोगुना करने की उम्मीद

TTN Desk

नई दिल्ली/लंदन, 24 जुलाई 2025: भारत और ब्रिटेन के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौता (FTA) आज औपचारिक रूप से संपन्न हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की उपस्थिति में इस ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

0 प्रमुख बिंदु और भारत को फायदे

इस समझौते का मुख्य लक्ष्य 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को मौजूदा स्तर से दोगुना कर $120 बिलियन तक पहुंचाना है। भारत के लिए इस समझौते के कई दूरगामी लाभ हैं:

* निर्यात को बढ़ावा: लगभग 99% भारतीय निर्यात पर अब ब्रिटेन में कोई शुल्क नहीं लगेगा। इससे चमड़ा, जूते, परिधान, वस्त्र, रत्न-आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स और इंजीनियरिंग जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को अभूतपूर्व लाभ मिलेगा।

* प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि: भारतीय उत्पादों को ब्रिटिश बाजार में आसान और सस्ती पहुंच मिलेगी, जिससे उनकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता मजबूत होगी।

* फार्मास्युटिकल क्षेत्र को लाभ: जेनेरिक दवाओं को ब्रिटेन में कर से छूट मिलेगी, जिससे वे वहां के बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगी।

* अन्य उत्पादों को छूट: इलेक्ट्रिक मशीनरी, ऑटो पार्ट्स, इंडस्ट्रियल मशीनरी, स्मार्टफोन, ऑप्टिकल फाइबर और इन्वर्टर जैसे सामान पर भी अब ब्रिटेन में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी।
ब्रिटेन के लिए अवसर और

0 उपभोक्ता को लाभ

ब्रिटेन से भारत आने वाले कुछ प्रमुख उत्पादों पर आयात शुल्क में उल्लेखनीय कमी की जाएगी, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा:

* व्हिस्की और लग्जरी कारें: ब्रिटेन से आने वाली व्हिस्की और लैंड रोवर, जैगुआर, रॉल्स रॉयस जैसी लग्जरी कारों पर भारत में लगने वाला आयात शुल्क काफी कम हो जाएगा (वर्तमान 75-125% से घटकर 10% तक)। यह कमी चरणबद्ध तरीके से लागू होगी और कारों की संख्या भी निर्धारित की जाएगी।

* अन्य उत्पादों पर शुल्क में कमी: सॉफ्ट ड्रिंक, कॉस्मेटिक्स और मेडिकल डिवाइस जैसे ब्रिटिश उत्पादों पर भी भारत में टैक्स 15% से घटकर 3% तक हो जाएगा।

* रोजगार और निवेश: यह समझौता दोनों देशों में नए रोजगार के अवसर पैदा करेगा और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा।

0 सामाजिक सुरक्षा और भविष्य की दिशा

यह समझौता सीमित अवधि के लिए ब्रिटेन में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों को दोहरी सामाजिक सुरक्षा अंशदान से भी राहत प्रदान करेगा। इसके अलावा, समझौते में सेवाओं, नवाचार, बौद्धिक संपदा अधिकार और सरकारी खरीद जैसे महत्वपूर्ण विषय भी शामिल हैं।
यह समझौता ब्रिटिश संसद द्वारा अनुमोदन के बाद ही लागू होगा, जिसके बाद यह दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में एक नया अध्याय खुलेगा।