OO भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजनाओं में तुर्की की एक कंपनी, एसिस गार्ड (Asis Guard) को ठेका मिलने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। विवाद का मुख्य कारण यह है कि इस कंपनी पर पाकिस्तान को ड्रोन आपूर्ति करने का आरोप है, जिनका इस्तेमाल हाल ही में भारत पर हमलों में किया गया था।
TTN Desk
तुर्की की इस विवादित कंपनी का नाम ‘एसिस गार्ड’ है, जो तुर्की की एक कंपनी है। आरोप है कि इसकी पेरेंट कंपनी ‘एसिस इलेक्ट्रॉनिक वे बिलिशिम सिस्तेमलेरी’ ने पाकिस्तान को ऐसे ड्रोन (जैसे ‘सोंगर’ ड्रोन) की आपूर्ति की, जिनसे भारतीय सीमाओं पर हमले किए गए।
O किस चीज का दिया गया है ठेका
एसिस गार्ड को भोपाल और इंदौर मेट्रो में डिजिटल टिकटिंग और स्वचालित किराया संग्रह (Automatic Fare Collection – AFC) प्रणाली लगाने का ठेका मिला है। यह ठेका लगभग 186 करोड़ रुपये का है।
O मंत्री विजयवर्गीय ने जांच के दिए आदेश
मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि कंपनी भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाई जाती है, तो उसका ठेका तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। उनका कहना है कि “राष्ट्र सर्वोपरि, भारत विरोधी मानसिकता का कोई स्थान नहीं।”
O ठेका तुरंत रद्द हो : कांग्रेस
कांग्रेस ने भी इस मामले पर सरकार को घेरा है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल उठाया है कि जिस कंपनी ने पाकिस्तान को भारत पर हमला करने के लिए ड्रोन दिए, उसे भारत में मेट्रो प्रोजेक्ट का ठेका कैसे मिल सकता है। उन्होंने सरकार से ठेका तुरंत रद्द करने की मांग की है।
O सरकार का सख्त रुख का संकेत
यह विवाद राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत-तुर्की संबंधों के मद्देनजर काफी संवेदनशील हो गया है, और सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए हैं।