TTN Desk
इजराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। ताजा घटनाक्रम में इजराइली हमले में ईरान के एक और प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक की मौत की खबर सामने आई है। इस हमले को इजराइल की सेना IDF ने अंजाम दिया, जैसा कि एक इजराइली अधिकारी ने दावा किया है। इस बीच, ईरान के राष्ट्रपति ने सख्त बयान देते हुए कहा कि उनका परमाणु कार्यक्रम देश का अधिकार है और इसे किसी भी हालत में रोका नहीं जाएगा। दूसरी ओर, अमेरिका ने क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच अपने B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स को तैनात किया है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
O इजराइली हमले का विवरण
पिछले कुछ दिनों में इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर कई हवाई हमले किए हैं। इन हमलों में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया। ताजा हमले में मारे गए वैज्ञानिक की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम में अहम भूमिका निभा रहे थे। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इन हमलों को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ का हिस्सा बताया और कहा कि यह उनकी अगली पीढ़ी की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
O ईरान का दो टूक जवाब
ईरान ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है। ईरानी विदेश मंत्री ने कहा, “जब तक इजराइल के हमले जारी रहेंगे, कोई बातचीत संभव नहीं है।” राष्ट्रपति ने अपने बयान में दोहराया कि परमाणु कार्यक्रम ईरान का संप्रभु अधिकार है और वे इसे किसी भी कीमत पर जारी रखेंगे। ईरानी सेना के प्रमुख ने भी जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है, जिससे क्षेत्र में युद्ध की आशंका बढ़ गई है।
O अमेरिका का बढ़ता दखल, बॉम्बर्स तैनात
इस बीच, अमेरिका ने क्षेत्र में अपने सैन्य बलों को और मजबूत करने के लिए B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स को तैनात किया है। यह कदम इजराइल के समर्थन और क्षेत्र में बढ़ते तनाव को नियंत्रित करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि, इससे ईरान और उसके सहयोगी देशों में और तनाव बढ़ सकता है।
O वैश्विक चिंता बढ़ी
इजराइल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बन गया है। कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन ताजा घटनाक्रमों ने मध्य पूर्व में अस्थिरता की आशंका को और बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को भी बल दे रही है।
O दुनिया की लगी निगाह
इजराइल के लगातार हमलों और ईरान के जवाबी रुख ने मध्य पूर्व में एक खतरनाक स्थिति पैदा कर दी है। अमेरिका की सैन्य तैनाती ने इस तनाव को और जटिल कर दिया है। आने वाले दिनों में दोनों देशों के अगले कदम क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए निर्णायक साबित होंगे।