अलग खबर : ज्वाला गुट्टा का मानवतावादी कदम,30 लीटर ब्रेस्ट मिल्क दान कर बनीं मिसाल

TTN डेस्क

।नई दिल्ली: भारतीय बैडमिंटन की दिग्गज खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने अपने खेल के बाद अब एक मानवतावादी पहल से सुर्खियां बटोरी हैं। उन्होंने करीब 30 लीटर ब्रेस्ट मिल्क दान कर उन जरूरतमंद शिशुओं को जीवनदान दिया है, जिनकी माताएं उन्हें दूध नहीं पिला सकतीं। उनके इस कदम की जानकारी उनके पति विष्णु विशाल ने हाल ही में सोशल मीडिया पर साझा की, जिससे ‘लिक्विड गोल्ड’ के महत्व पर एक नई चर्चा छिड़ गई है।

0 क्या है ‘लिक्विड गोल्ड’ का महत्व?

‘लिक्विड गोल्ड’ यानी मां का दूध, समय से पहले जन्मे और बीमार नवजात बच्चों के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। इसमें वे सभी पोषक तत्व, एंजाइम और एंटीबॉडी होते हैं, जो शिशु के संपूर्ण विकास और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं। जिन बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उनके लिए मां का दूध बाहरी संक्रमणों से सुरक्षा कवच का काम करता है।

0 कैसे काम करता है ह्यूमन मिल्क बैंक?

ह्यूमन मिल्क बैंक उन स्वस्थ माताओं से अतिरिक्त दूध इकट्ठा करता है, जिन्हें अपने बच्चे को दूध पिलाने के बाद भी अतिरिक्त दूध बनता है। दान किए गए दूध को एक सख्त प्रक्रिया से गुजारा जाता है। पहले, दात्री मां का ब्लड टेस्ट किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसे एचआईवी या हेपेटाइटिस जैसी कोई गंभीर बीमारी या संक्रमण न हो। इसके बाद, दूध को पाश्चुरीकृत किया जाता है और फ्रीजर में 3 से 6 महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है। यह दूध फिर जरूरतमंद शिशुओं तक पहुँचाया जाता है। भारत में यह सेवा पूरी तरह से नि:शुल्क और मानवता पर आधारित है।

0 भारत में ‘दूध दान’ की परंपरा

भारत में दूध दान की परंपरा सदियों पुरानी है, जिसे धात्री मां या दूध माता के रूप में जाना जाता है। जब किसी महिला को दूध नहीं आता था, तो दूसरी महिलाएं अपने दूध से उस शिशु का पालन-पोषण करती थीं। आधुनिक युग में, भारत का पहला आधिकारिक ह्यूमन मिल्क बैंक 1989 में मुंबई के सायन अस्पताल में स्थापित किया गया था। आज देश भर में दर्जनों मिल्क बैंक समय से पूर्व जन्मे और बीमार बच्चों को जीवनदान दे रहे हैं।

0 जागरूकता फैलाने का उद्देश्य

ज्वाला गुट्टा ने ‘अमृतम फाउंडेशन’ के माध्यम से यह दान किया, जो माताओं से दूध इकट्ठा कर उसे जरूरतमंद नवजातों तक पहुँचाता है। उनके पति एक्टर डायरेक्टर विशाल की सोशल मीडिया पोस्ट में साझा की गई जानकारी के अनुसार, ज्वाला ने अप्रैल में अपनी बेटी को जन्म देने के बाद से ही यह क्रम शुरू कर दिया था। इस पहल का मुख्य उद्देश्य लोगों को दूध दान के बारे में जागरूक करना और अन्य माताओं को भी इस पुण्य कार्य में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करना है। एक जानी-मानी शख्सियत होने के नाते, ज्वाला गुट्टा का यह कदम एक बड़ा संदेश देता है कि ममता केवल अपने बच्चे तक सीमित नहीं, बल्कि जरूरतमंद बच्चों को भी नया जीवन दे सकती है।