लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले में बड़ा मोड़: टेनी और बेटे आशीष मिश्रा पर गवाह को धमकाने का केस दर्ज

TTN डेस्क

नई दिल्ली: लखीमपुर-खीरी पुलिस ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा नेता अजय मिश्रा ‘टेनी’, उनके बेटे आशीष मिश्रा और दो अन्य के खिलाफ 2021 तिकुनिया हिंसा के एक प्रमुख गवाह को कथित तौर पर धमकाने और रिश्वत की पेशकश करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई तब हुई जब सुप्रीम कोर्ट ने शिकायत पर उत्तर प्रदेश पुलिस की देरी पर सवाल उठाया। हिंसा की यह घटना 3 अक्टूबर, 2021 को हुई थी, जब आशीष मिश्रा के काफिले ने प्रदर्शनकारी किसानों और एक पत्रकार को कथित तौर पर कुचल दिया था, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।

0 गवाह ने लगाया धमकी और लालच का आरोप

शिकायतकर्ता बलजिंदर सिंह, जो तिकुनिया हिंसा मामले के गवाह हैं, ने आरोप लगाया है कि 15 और 16 अगस्त, 2023 को अमनदीप सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति उनके घर और ससुराल पहुंचे। उन्होंने बलजिंदर सिंह को निचली अदालत में आशीष मिश्रा के खिलाफ गवाही न देने की धमकी दी और उन्हें एक लाख रुपये नकद का लालच भी दिया। धमकियों के चलते बलजिंदर सिंह को अपना गांव छोड़कर पंजाब में बसना पड़ा।

0 सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हुई कार्रवाई

पुलिस ने शुरुआत में शिकायत दर्ज करने में टालमटोल की। इसके बाद, बलजिंदर सिंह के वकील ने 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट को धमकियों से अवगत कराया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस को फटकार लगाने और जांच के निर्देश देने के बाद, 4 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के पडुआ पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 195ए (झूठी गवाही के लिए धमकाना), 506 (आपराधिक धमकी) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है। खीरी के एसपी संकल्प शर्मा ने पुष्टि की है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद शिकायत की पुष्टि कर केस दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है।