रेप के दोषी आशाराम बापू को गुजरात हाइकोर्ट से मिली तीन महीने की जमानत

OO दुष्कर्म के दोषी आसाराम को गुजरात हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मेडिकल रिपोर्ट्स के आधार पर गुजरात हाई कोर्ट ने तीन महीने की जमानत दी है। आसाराम ने 6 महीनों की जमानत के लिए याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस इलेश वोरा की राय का जस्टिस एएस सुपेहिया ने समर्थन किया और आसाराम की तीन महीने की जमानत मंजूर हो गई।

TTN Desk

जस्टिस इलेश जे वोरा की बैंच ने 3 महीने की अंतरिम याचिका स्वीकार कर ली थी। जबकि इससे पहले याचिका पर हुई सुनवाई के बाद जस्टिस संदीप एन भट्ट की बैंच ने कहा- इस बात से आंखें बंद नहीं की जा सकती कि आसाराम रेप के मामले में दोषी है। ऐसे में उसकी अंतरिम जमानत आगे बढ़ाने का औचित्य नजर नहीं आता है। और, याचिका को खारिज कर दिया। इधर, आसाराम के वकील ने कहा- पंचकर्म थेरेपी के 90 दिन का कोर्स पूरा करना है।बाद में शुक्रवार को फिर से दूसरी बेंच में इसकी सुनवाई हुई।

आसाराम बापू को 2013 के बलात्कार मामले में 2023 में सत्र अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया था और वह आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उन्होंने छह महीने की अस्थायी जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उनके वकील ने तर्क दिया कि डॉक्टरों की राय के अनुसार उन्हें 90 दिनों के पंचकर्म चिकित्सा सत्र की आवश्यकता है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में उन्हें 31 मार्च तक चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा था कि इसे बढ़ाने के लिए संबंधित हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की जा सकती है, इसलिए आसाराम ने हाईकोर्ट से 6 महीने के लिए और जमानत मांगी थी।