रायपुर : गाँव की मिट्टी की महक में विराजे गणपति,भूमिका की सराहनीय रचनात्मकता

TTN Desk

​रायपुर, छत्तीसगढ़: स्थानीय शिवानन्द नगर की निवासी भूमिका जिगर बावरिया ने इस गणेश चतुर्थी पर अपनी रचनात्मकता का परिचय देते हुए एक अनोखी सजावट के साथ गणेश प्रतिमा स्थापित की है। उन्होंने अपने पैतृक गाँव सावर कुंडला, गुजरात, की थीम पर गणपति बप्पा स्थापन का डेकोरेशन किया है, जो सादगी और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है।

0 ​ग्रामीण परिवेश में गणपति की स्थापना

​भूमिका ने अपने डेकोरेशन में गाँव के जीवन की झलक पेश की है। हरे-भरे खेतों, ताज़ी मिट्टी और हल्की हवा के बीच, गणपति बप्पा एक पंडाल में गाय को खिलाते हुए विराजमान हैं। पंडाल के चारों ओर का वातावरण पूरी तरह से ग्रामीण है।

0 ​डेकोरेशन की ये है विशेषताएँ

​प्राकृतिक सादगी: सोने-चांदी की भव्यता के बजाय, गणपति जी एक साधारण और प्राकृतिक परिवेश में स्थापित हैं। उनका आसन गीली मिट्टी से बनी जगह पर है, जो बांस से बनी हुई है।

​ग्रामीण जीवन का चित्रण: इस थीम में गाँव के मंदिर, कुआँ, खेत, पेड़, गौशाला और बाड़ी जैसी चीज़ों को भी शामिल किया गया है, जो इस डेकोरेशन को और भी जीवंत बनाते हैं।

​आँगन की सजावट: पंडाल की ज़मीन को गोबर से लीपा गया है, जिस पर सुंदर रंगोली बनाई गई है, जो भारतीय ग्रामीण संस्कृति का अभिन्न अंग है।
​इस गणेशोत्सव में भूमिका का यह प्रयास न केवल गणपति की पूजा है, बल्कि अपने गाँव की यादों और संस्कृति का भी सम्मान है।