00 सुप्रीम कोर्ट में पहली बार चुनावी विवाद में ईवीएम खोली गई। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में दुबारा मतगणना में पराजित घोषित प्रत्याशी को जीत मिली।
TTN Desk
दो वर्ष 10 माह पूर्व हुए सरपंच के चुनाव के परिणाम को सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने बदल दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम की दोबारा गिनती के बाद हारा हुआ प्रत्याशी 51 वोटों से विजयी घोषित किया गया। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने दोबारा गिनती कराने से इनकार कर दिया था, जिसके खिलाफ याची सुप्रीम कोर्ट गया।
सर्वोच्च न्यायालय ने दो महीने में ही अपनी निगरानी में ईवीएम खुलवाई और आदेश भी सुना दिया। यह अपने तरह का देश का पहला मामला बताया जा रहा है। गुरुवार को पानीपत जिले के इसराना बीडीओ कार्यालय में मोहित को बुआना लाखु के सरपंच पद की शपथ दिलाई गई।
14 अगस्त 2025 को भारत में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर हुई शिकायतों पर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण सुनवाई की। इस सुनवाई का केंद्र बना हरियाणा के पंचकूला जिले का बुढाना लाल गाँव, जहां पंचायत चुनाव में EVM और वोटों की गिनती को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जाँच के बाद हस्तक्षेप किया।
0 पंचायत चुनाव में हुआ था विवाद
बुढाना लाल गाँव में हुए पंचायत चुनाव के दौरान EVM की कार्यप्रणाली और वोटों की गिनती को लेकर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई। आरोप लगाया गया कि EVM में तकनीकी खामियों के कारण वोटों की सही गणना नहीं हो सकी, जिससे चुनाव परिणाम पर सवाल उठे। इस विवाद ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया।
0 सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई: पारदर्शिता की मांग
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने EVM की विश्वसनीयता और वोट गणना प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गहन विचार-विमर्श किया। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव प्रक्रिया में जनता का विश्वास बनाए रखना आवश्यक है। इसके लिए कोर्ट ने EVM की गिनती और वोटों की प्रक्रिया में सुधार के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें तकनीकी ऑडिट और पुनर्गणना की संभावना शामिल है।
0 पहली बार ऐसा हुआ सुप्रीम कोर्ट में
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पंचकूला जिले के बुढाना लाल गाँव के पंचायत चुनाव में EVM को कोर्ट में बुलाया गया। विवाद के बाद कोर्ट ने EVM की गिनती और वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। पुनर्गणना के परिणामस्वरूप, जो प्रत्याशी पहले हारा हुआ था, वह जीत गया। इस मामले में मोहित कुमार, जो पहले हारे थे, को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई पुनर्गणना के बाद निर्वाचित सरपंच घोषित किया गया। यह निर्णय 14 अगस्त 2025 को लिया गया।