प्रयागराज महाकुम्भ से आई सास – बहू की प्रेरणादाई तस्वीर… सराहना भी,सवाल भी

प्रयागराज।चलने में असमर्थ सास की इच्छा महाकुंभ में स्नान करने की थी। बहू ने उन्हें स्नान कराने का संकल्प लिया। कंधे पर लादा और पहुंच गईं। बेटों के लिए तो श्रवण कुमार की उपमा मिल जाती है, लेकिन ऐसी बड़े दिलवाली बहुओं को क्या कहें। तस्वीर में दिख रहीं फिरोजाबाद की रामवती ऐसी ही बहू हैं। वह चलने-फिरने में असमर्थ अपनी 85 वर्षीय सास फूलकली को पीठ पर लादकर प्रयागराज स्टेशन से संगम तक ले गई। बहू रामवती के इस जज्बे की जहां सराहना हो रही वहीं ये भी कहा जा रहा कि यह तस्वीर कुंभ की व्यवस्था को सवालों के घेरे में इस मायने में खड़ा करती है कि जब इतने बड़े पैमाने पर खर्च और इंतेज़ाम की बात की जा रही तब बुजुर्ग,असहाय धर्म प्राण लोगों की सुविधा में कोताही बरती जा रही अन्यथा ऐसी तस्वीर सामने नहीं आती।