देखें खास तस्वीरें…महाराष्ट्र : ठाकरे बंधुओं के बाद क्या पवार परिवार भी होगा एकजुट.. क्यों बढ़ी अटकलें !


TTN Desk

महाराष्ट्र की राजनीति में पवार परिवार का नाम लंबे समय से प्रभावशाली रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार ने न केवल राज्य बल्कि केंद्र की राजनीति में भी अपनी गहरी छाप छोड़ी है। हालांकि, हाल के वर्षों में उनके भतीजे अजित पवार की बगावत ने एनसीपी को दो गुटों में बांट दिया। इस विभाजन के बाद शरद पवार अपनी राजनीतिक साख और परिवार की एकता को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हाल ही में एक पारिवारिक समारोह में दोनों गुटों के नेताओं का एक साथ शामिल होना इस चर्चा को फिर से हवा दे रहा है कि क्या पवार परिवार ठाकरे बंधुओं की तरह एक बार फिर एकजुट हो सकता है।

0 एनसीपी में टूट: अजित पवार की बगावत

जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी और 40 विधायकों के साथ एनसीपी से अलग हो गए। इसके बाद वे महाराष्ट्र में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा बन गए। इस बगावत ने न केवल पार्टी को दो हिस्सों में बांटा, बल्कि पवार परिवार में भी दरार पैदा कर दी। चुनाव आयोग ने अजित पवार के गुट को आधिकारिक तौर पर एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न दे दिया, जिसके बाद शरद पवार के गुट को ‘एनसीपी शरदचंद्र पवार’ (एनसीपी-एसपी) के नाम से नई पहचान बनानी पड़ी।

0 परिवार और राजनीति में एकता की कोशिशें

हाल के महीनों में एनसीपी के दोनों गुटों के बीच एकता की संभावनाओं को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। इसकी शुरुआत दिसंबर 2024 में शरद पवार के गुट से हुई, जब उनके पोते रोहित पवार की मां सुनंदा पवार ने कहा कि शरद और अजित पवार का एक होना परिवार और राज्य के लिए अच्छा होगा। इसके बाद अजित पवार की मां आशा ताई पवार ने भी पंढरपुर में भगवान विट्ठल के दर्शन के दौरान दोनों नेताओं के एक होने की मन्नत मांगी।
इन बयानों को और बल तब मिला जब अजित पवार के गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने शरद पवार को “देवता” समान बताया और कहा कि उनके प्रति सम्मान पहले जैसा ही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर दोनों गुट एक हो जाते हैं, तो यह उनके लिए खुशी की बात होगी।

0 पारिवारिक समारोह ने बढ़ाई अटकलें

रविवार को शरद पवार के पोते युगेंद्र पवार और तनिष्का कुलकर्णी की सगाई के अवसर पर दोनों गुटों के नेता एक मंच पर नजर आए। मुंबई में आयोजित इस पारंपरिक समारोह में शरद पवार, अजित पवार, सुप्रिया सुले और अन्य परिवार के सदस्य शामिल हुए। इस घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दिया कि क्या यह केवल एक पारिवारिक एकता है या इसका राजनीतिक मतलब भी निकाला जाना चाहिए।
इसके अलावा, पुणे में वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट की एक बैठक में शरद और अजित पवार एक बार फिर एक साथ दिखे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच अलग-अलग बातचीत भी हुई, हालांकि दोनों पक्षों ने इसे गैर-राजनीतिक बताया।

0 राजनीतिक रणनीति और भविष्य की संभावनाएं

महाराष्ट्र की राजनीति में पवार परिवार का प्रभाव अहम रहा है। शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी-एसपी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं। वहीं, अजित पवार की एनसीपी महायुति गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना शामिल हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव में शरद पवार का गुट अजित पवार के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहा, लेकिन विधानसभा चुनाव में अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटें जीतकर मजबूत स्थिति हासिल की। इस बीच, शरद पवार की पार्टी को करारा झटका लगा।
कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दोनों गुटों का एक होना न केवल एनसीपी बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति के लिए भी एक बड़ा बदलाव हो सकता है। अगर यह एकता होती है, तो यह महाविकास अघाड़ी और बीजेपी की रणनीतियों पर भी असर डाल सकती है।

0 परिवार में अन्य सक्रिय सदस्य

पवार परिवार की तीन पीढ़ियां राजनीति में सक्रिय हैं। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले बारामती से सांसद हैं और एनसीपी-एसपी की कार्यकारी अध्यक्ष हैं। उनके पोते रोहित पवार कर्जत-जामखेड से विधायक हैं और शरद पवार के साथ मजबूती से खड़े हैं। वहीं, युगेंद्र पवार हाल ही में बारामती स्वाभिमान यात्रा के जरिए चर्चा में आए हैं और भविष्य में उनकी राजनीतिक सक्रियता बढ़ने की संभावना है।

0 क्या कहते हैं दोनों गुट?

शरद पवार ने हाल ही में कहा कि दोनों गुटों के एक होने का फैसला उनकी बेटी सुप्रिया सुले और अजित पवार पर छोड़ दिया गया है। हालांकि, एनसीपी-एसपी के नेता अनिल देशमुख और महेश तपासे ने विलय की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है। दूसरी ओर, अजित पवार के गुट ने संकेत दिया है कि अगर शरद पवार की पार्टी से विलय का प्रस्ताव आता है, तो वे इस पर विचार करने को तैयार हैं।

0 पवार एकता की संभावना से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल

पवार परिवार और एनसीपी के दोनों गुटों के बीच एकता की संभावना ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। हाल के पारिवारिक और सार्वजनिक आयोजनों में दोनों नेताओं का एक साथ नजर आना और परिवार के सदस्यों के बयान इस ओर इशारा करते हैं कि एक सुलह की कोशिश हो रही है। हालांकि, राजनीति और परिवार को अलग रखने की बात भी सामने आ रही है। क्या यह एकता केवल पारिवारिक स्तर पर रहेगी या इसका असर एनसीपी और महाराष्ट्र की राजनीति पर भी पड़ेगा, यह आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा।