छत्तीसगढ़ : बस्तर दौरे पर गृहमंत्री शाह ने दोहराया नक्सलवाद के खात्मे का संकल्प,रथ कारीगर हुए क्यों नाराज़?

TTN डेस्क

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर दशहरा महोत्सव में शिरकत की, जहाँ उन्होंने एक ओर नक्सलवाद के खात्मे का संकल्प दोहराया, वहीं दूसरी ओर स्थानीय कारीगरों की नाराज़गी भी सामने आई जिन्हें उनसे मिलने से रोक दिया गया था।

0 रथ कारीगरों की नाराज़गी

गृह मंत्री से मुलाकात पर रोक
बस्तर दशहरा का पारंपरिक रथ बनाने वाले आदिवासी कारीगरों ने अमित शाह से मुलाकात न कर पाने के कारण अपनी तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है। सुरक्षा कारणों से उन्हें मुरिया दरबार में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जिसके बाद उन्होंने अगली बार रथ निर्माण का कार्य न करने की चेतावनी दी है।

0 नाराज़गी का कारण और प्रमुख माँगें

140 स्थानीय कारीगर, जिनमें बलदेव बघेल और कमलू राम शामिल थे, अपनी दो मुख्य माँगें गृह मंत्री के सामने रखना चाहते थे:
* मानदेय की माँग: वर्तमान में मिल रहे 1 किलो चावल और 1 पाव दाल के स्थान पर कलेक्टर द्वारा निर्धारित उचित मानदेय दिया जाए।
* दरबार में शामिल होने का अधिकार: मुरिया दरबार में शामिल होने की पारंपरिक अनुमति दी जाए।

0 मुरिया दरबार और विकास की घोषणाएँ

अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान, अमित शाह ने बस्तर में महत्वपूर्ण रस्मों और कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।

0 नक्सलवाद पर कड़ा रुख

गृह मंत्री ने नक्सलियों से किसी भी तरह की बातचीत से इनकार करते हुए उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा। उन्होंने 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के पूर्ण खात्मे का संकल्प दोहराया। उन्होंने यह भी कहा कि हथियारों के दम पर शांति भंग करने वालों को सुरक्षा बल मुँहतोड़ जवाब देंगे।

0 मुरिया दरबार और विकास का वादा

शाह ने मुरिया दरबार की रस्म में शामिल होकर बस्तर दशहरा समिति के प्रमुखों और सभी ग्राम प्रमुखों से पारंपरिक तरीके से मुलाकात की। उन्होंने गांवों की समस्याएँ सुनीं और प्रशासन को तत्काल समाधान के निर्देश दिए।
* 2031 तक विकास: उन्होंने माझी चालकियों को आश्वासन दिया कि 2031 तक बस्तर के हर गाँव में बिजली, सड़क और पानी की व्यवस्था की जाएगी।
* नक्सल मुक्त गाँवों को सहायता: उन्होंने बताया कि नक्सल मुक्त गाँवों के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार एक करोड़ रुपए की राशि दे रही है।

0 मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना का शुभारंभ

अमित शाह ने लालबाग मैदान से मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना के तहत 36 यात्री बसों को हरी झंडी दिखाई। इस योजना से बस्तर संभाग के 250 से अधिक नक्सल प्रभावित गाँव अब मुख्यालय से सीधे जुड़ सकेंगे।