TTN डेस्क
रायपुर/12 अक्टूबर 2025
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज रविवार की दोपहर एक पत्रकार वार्ता में राज्य की जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू/एसीबी पर आपराधिक षडयंत्र करने और न्यायपालिका को दूषित करने का गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाया। कांग्रेस ने इसे ‘लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत’ बताते हुए सीधे तौर पर बीजेपी सरकार पर संरक्षण का आरोप लगाया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेताओं ने राजीव भवन में यह प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
0 लोकतंत्र के ढांचे पर हमला
वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ की जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू/एसीबी अभियुक्तों के खिलाफ झूठे साक्ष्य गढ़ रही है और इस काम में अदालतों की भूमिका भी संदिग्ध है। कांग्रेस ने सीधे सवाल किया कि ईओडब्ल्यू/एसीबी न्यायिक प्रक्रिया की लगातार धज्जियां उड़ा रही है, क्या इसमें अदालतों की सहमति है?
0 इसके होंगे गंभीर परिणाम
कांग्रेस ने चेतावनी दी कि अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो लोकतंत्र का ढांचा चरमरा जाएगा और वकील अपने मुवक्किलों को जांच एजेंसियों के चंगुल से नहीं बचा पाएंगे।
0 ईडी-सीबीआई पर निशाना
कांग्रेस ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि 2014 के बाद से ईडी, सीबीआई, आईटी जैसी सारी एजेंसियां राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम कर रही हैं, और अब न्यायपालिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
0 धारा 164 बयान में गंभीर अनियमितता का खुलासा
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 (जो अब BNSS की धारा 183 है) के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज होने वाले गोपनीय बयान में ईओडब्ल्यू/एसीबी ने आपराधिक कृत्य किया है।
नियमानुसार, मजिस्ट्रेट के सामने अभियुक्त का मौखिक बयान कलमबद्ध किया जाता है। लेकिन एक मामले में ईओडब्ल्यू/एसीबी ने अभियुक्त को अदालत में पेश तो किया, मगर मौखिक बयान दर्ज करवाने की जगह पहले से टाइप किया हुआ बयान पेन ड्राइव में लाकर अदालत में प्रस्तुत कर दिया, जिसे अभियुक्त के बयान के रूप में दर्ज करवा दिया गया।
0 फॉरेंसिक जांच में हुई पुष्टि
इस बयान की फॉरेंसिक जांच से प्रमाणित हुआ कि इसमें दो अलग-अलग फॉन्ट का प्रयोग हुआ है। अदालत द्वारा उपयोग किए जाने वाले ऊबन्तू फॉन्ट की जगह इसमें दूसरा फॉन्ट इस्तेमाल हुआ है, जो साबित करता है कि बयान अदालत के बाहर तैयार किया गया था। यह बयान (सह-अभियुक्त निखिल चंद्राकर का) सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया, जिससे यह सवाल खड़ा हुआ है कि जो बयान सीलबंद होना चाहिए था, वह खुला कैसे और सर्वोच्च न्यायालय तक कैसे पहुंचा।
0 ‘कोयला घोटाला’ और अन्य मामलों का संदर्भ
कांग्रेस ने यह खुलासा कथित कोयला घोटाले (अपराध क्रमांक – 02/2024, 03/2024) के अभियुक्त सूर्यकांत तिवारी की जमानत के मामले में ईओडब्ल्यू/एसीबी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में निखिल चंद्राकर के 164 बयान की प्रति प्रस्तुत करने पर किया।
16-17 जुलाई की इस घटना के अलावा, 30 सितंबर, 2025 को रायपुर की एक और अदालत में अधिवक्ताओं ने देखा कि ईओडब्ल्यू/एसीबी के अभियुक्तों के बयान दर्ज करते समय कंप्यूटर पर पेन ड्राइव लगी हुई थी। अधिवक्ताओं ने इसकी लिखित शिकायत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से की है और उन अदालतों के कंप्यूटरों को सुरक्षित रखने की मांग की है।
0 कांग्रेस की उच्च-स्तरीय जांच और कानूनी कार्रवाई की मांग
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील गिरीश चंद्र देवांगन ने 10 अक्टूबर को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष एक परिवाद पेश किया है। इससे पहले उन्होंने 12 सितंबर को रजिस्ट्रार (सतर्कता) छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के समक्ष भी शिकायत दर्ज कराई थी।
0 ये है कांग्रेस की प्रमुख माँगें
* इस पूरे मामले की उच्च-स्तरीय जांच हो और अदालत सभी संबंधित बयानों की प्रतियां मंगाकर जांच करे।
* ईओडब्ल्यू/एसीबी के निदेशक अमरेश मिश्रा और अन्य दो अधिकारियों राहुल शर्मा और चंद्रेश ठाकुर पर आपराधिक मुकदमा दर्ज हो और समुचित कार्रवाई की जाए।
* जांच पूरी होने तक छत्तीसगढ़ सरकार इन अधिकारियों को पदमुक्त करे, अन्यथा यह स्पष्ट होगा कि यह सब प्रदेश की भाजपा सरकार के संरक्षण में हो रहा है।
* माननीय अदालत इस मामले को उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में लाए।
पत्रकारवार्ता में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यनारायण शर्मा, मो. अकबर, डॉ. शिवकुमार डहरिया, छाया वर्मा, मलकीत सिंह गैदू, राजेन्द्र तिवारी, गिरीश देवांगन, सुशील आनंद शुक्ला सहित कई नेता उपस्थित थे।