
00 स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय ने क्लिनिकल फार्माकोलॉजी और संक्रामक रोगों में उनके अभूतपूर्व शोध को दी मान्यता
TTN Desk
रायपुर, छत्तीसगढ़।
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) रायपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पुगझेंथन थंगाराजू को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (Stanford University) द्वारा जारी दुनिया के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की प्रतिष्ठित सूची में उन्हें शामिल किया गया है। यह सम्मान उन्हें क्लिनिकल फार्माकोलॉजी और संक्रामक रोगों के क्षेत्र में उनके प्रभावशाली और महत्वपूर्ण शोध कार्य के लिए दिया गया है।
0 कुष्ठ रोग और मधुमेह पर विशेष कार्य
डॉ. पुगझेंथन थंगाराजू अपने व्यापक शोध के लिए जाने जाते हैं, जिसमें विशेष रूप से कुष्ठ रोग (Leprosy) जैसे संक्रामक रोग और मधुमेह (Diabetes) जैसे गैर-संक्रामक रोग शामिल हैं। उनके शोध का मुख्य फोकस प्रयोगशाला कार्य, नैदानिक अभ्यास और सार्वजनिक स्वास्थ्य के संयोजन पर है, जिसका उद्देश्य रोगी सुरक्षा, दवाओं के तर्कसंगत उपयोग और नए चिकित्सीय समाधानों को आगे बढ़ाना है।
0 गौरवपूर्ण शैक्षणिक उपलब्धियां
डॉ. पुगझेंथन का अकादमिक रिकॉर्ड असाधारण है। उनकी उपलब्धियों में शामिल हैं:
* अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 160 से अधिक शोध प्रकाशन।
* 3 किताबें और 30 बुक चैप्टर का लेखन।
* उनके नाम 12 पेटेंट और 23 कॉपीराइट दर्ज हैं।
* वह डिजिटल स्वास्थ्य उपकरण, फार्माकोविजिलेंस फ्रेमवर्क और शिक्षण पद्धतियों के विकास पर भी काम करते हैं।
* उन्हें लंदन और ग्लासगो के रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियंस (FRCP) सहित कई प्रतिष्ठित फेलोशिप से सम्मानित किया गया है।
AIIMS रायपुर के कार्यकारी निदेशक और सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (रिटायर्ड) ने इस उपलब्धि को डॉ. पुगझेंथन की व्यक्तिगत प्रतिभा और AIIMS रायपुर तथा भारतीय चिकित्सा समुदाय के लिए गर्व का क्षण बताया है।
डॉ. पुगझेंथन ने इस सम्मान को “विनम्र करने वाला गौरव” बताया और इसे अपने रोगियों, मार्गदर्शकों (mentors) और संस्थान को समर्पित किया, जिसने उन्हें नवीन विचारों को आगे बढ़ाने के लिए मंच प्रदान किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह वैश्विक पहचान युवा शोधकर्ताओं को विज्ञान और समाज में सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करेगी।


