गुजरात : 282 करोड़ के सोमनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रभास पाटन में बंद,विरोध में स्थानीय हिंदू-मुस्लिम एकजुट

00 स्थानीय निवासियों का तीव्र विरोध, प्रशासन से मांगी पारदर्शिता,बंद के बाद आहूत बैठक में नजर आया आक्रोश

00 मुस्लिम समाज के अध्यक्ष ने कहा… हिन्दू बड़े भाई तो मुस्लिम छोटे भाई,पहली गोली मै खाऊंगा

00 सोमनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रभास पाटन में बंद और हिंदू-मुस्लिम समुदाय की एकजुटता ने इस मुद्दे को चर्चा में ला दिया है। यह विरोध न केवल स्थानीय हितों की रक्षा की मांग है, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यावरणीय संरक्षण की भी आवाज है।

TTN Desk

प्रभास पाटन (गुजरात), 6 अगस्त 2025: गुजरात के सोमनाथ मंदिर के आसपास प्रस्तावित सोमनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट के खिलाफ स्थानीय निवासियों ने 5 अगस्त 2025 को पूर्ण बंद का आह्वान किया। इस बंद में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एकजुट होकर सड़कों पर उतरे और “हमें कॉरिडोर नहीं चाहिए” के नारे लगाए। रात में हुई एक जनसभा में सैकड़ों लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई, जिसमें भूमि अधिग्रहण और सांस्कृतिक विरासत को नुकसान की चिंताएं प्रमुख थीं।सोमनाथ मंदिर जहां स्थित है ,उस शहर का नाम प्रभास पाटन है,जो वेरावल प्रभास पाटन नगर पालिका का मुख्यालय भी है।

0 सोमनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट: एक नजर में

सोमनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट, जिसकी लागत लगभग 282 करोड़ रुपये है, का उद्देश्य सोमनाथ मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के लिए विकसित करना है। इसमें त्रिवेणी संगम पर रिवरफ्रंट, हेरिटेज वॉक, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, और एक संग्रहालय शामिल है। प्रोजेक्ट के लिए 102 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है, और आगे भी भूमि अधिग्रहण की योजना है। यह परियोजना काशी विश्वनाथ और महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर बनाई जा रही है।

0 हिंदू-मुस्लिम एकजुटता के साथ विरोध

प्रभास पाटन के निवासियों ने एकजुट होकर प्रोजेक्ट का विरोध किया है। हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग, विशेष रूप से महिलाएं, इस परियोजना को अपनी पुश्तैनी जमीन और सांस्कृतिक विरासत के लिए खतरा मानते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने परियोजना की जानकारी साझा करने और उनकी चिंताओं को सुनने में पारदर्शिता नहीं बरती।मंगलवार को सफल बंद रखने के बाद रात को हुई मीटिंग में बड़ी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित हुई। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमारी जमीन और घर छिन रहे हैं, लेकिन हमें कुछ बताया ही नहीं जा रहा।”
पाटन मुस्लिम समाज के अध्यक्ष यूसुफ भाई पाकीज़ा ने कहा कि गांव के लिए पहली गोली खाने वे तैयार है।100 बार पाटन का डाटन किया गया पर अब ये नहीं होने देंगे।हिंदू बड़े भाई और मुस्लिम छोटे भाई है।सब एकजुट रहेंगे तो कोई भी आए उन्हें वापस जाना पड़ेगा।
यूं यह एकजुटता सामाजिक समरसता का प्रतीक बनकर उभरी है, जहां दोनों समुदाय अपने हितों की रक्षा के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

0 ये है विरोध के प्रमुख कारण

स्थानीय निवासियों को सबसे बड़ी आशंका है कि उनके घर और जमीनें प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की जाएंगी, जिससे उनकी आजीविका प्रभावित होगी। इसके अलावा प्रमुख कारण इस प्रकार है…

सांस्कृतिक विरासत पर खतरा: प्रभास पाटन की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को नुकसान की चिंता।

पर्यावरणीय प्रभाव: समुद्र तटों और प्राकृतिक स्थलों पर निर्माण कार्य के संभावित नकारात्मक प्रभाव।

पारदर्शिता की कमी: प्रशासन द्वारा समुदाय के साथ संवाद की कमी और अपर्याप्त जानकारी।

0 प्रशासन की कार्रवाई और विवाद

पिछले साल सितंबर 2024 में, सोमनाथ मंदिर के आसपास अवैध निर्माण हटाने के लिए 36 बुलडोजर और 70 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का उपयोग किया गया था, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया। इस कार्रवाई के खिलाफ पटनी मुस्लिम समाज ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी, जिसमें गिर सोमनाथ के कलेक्टर और अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए जरूरी थी, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह बिना उचित सूचना के की गई।

0 अब आगे क्या ?

स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि प्रोजेक्ट के लिए उनकी चिंताओं को सुना जाए और पारदर्शी तरीके से जानकारी साझा की जाए। हिंदू-मुस्लिम समुदाय की एकजुटता ने इस विरोध को और मजबूती दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को समुदाय के साथ संवाद बढ़ाने और उनकी चिंताओं को दूर करने की दिशा में कदम उठाने होंगे ताकि विकास और स्थानीय हितों में संतुलन बनाया जा सके।