अहमदाबाद : एनजीओ के “रंगली रंगला” वाले विवादित पोस्टर से हंगामा, रेप और गैंगरेप से बचने का दिया था संदेश

00 एनजीओ के पोस्टर ने खड़ा किया विवाद,निशाने पर आने के बाद पुलिस ने शुरू की जांच,पोस्टर हटाए

TTN Desk

अहमदाबाद में ‘सतर्कता ग्रुप’ नामक एनजीओ द्वारा लगाए गए पोस्टरों में महिलाओं को रेप और गैंगरेप से बचने के लिए रात में पार्टी न करने और सुनसान जगहों पर न जाने की सलाह दी गई। ये पोस्टर सोला और चांदलोडिया जैसे क्षेत्रों में सड़क डिवाइडर पर लगाए गए थे, जिनमें अहमदाबाद ट्रैफिक पुलिस का प्रायोजन बताया गया।

0पोस्टर का संदेश और सोशल मीडिया पर आलोचना

पोस्टरों में युवकों को “रंगला” और युवतियों को “रंगली” संबोधित करते हुए लिखा था, “देर रात की पार्टियों में न जाएं, रेप या गैंगरेप हो सकता है” और “दोस्तों के साथ अंधेरे, सुनसान इलाकों में न जाएं, क्या पता रेप या गैंगरेप हो जाए?” इस संदेश को महिला विरोधी और पीड़िता को दोषी ठहराने वाला बताकर सोशल मीडिया पर तीव्र आलोचना हुई।

0 AAP का बीजेपी सरकार पर हमला

आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन पोस्टरों को गुजरात में महिला सुरक्षा की बदहाल स्थिति का सबूत बताया। पार्टी ने दावा किया कि पिछले तीन साल में राज्य में 6,500 से अधिक रेप और 36 गैंगरेप के मामले दर्ज हुए हैं, और बीजेपी सरकार पर महिला सुरक्षा में विफलता का आरोप लगाया।

0 ट्रैफिक पुलिस ने झाड़ा पल्ला, पोस्टर हटाए गए

अहमदाबाद ट्रैफिक पुलिस ने विवाद से खुद को अलग करते हुए कहा कि उन्होंने केवल ट्रैफिक जागरूकता के लिए पोस्टर लगाने की अनुमति दी थी, न कि इस तरह के संदेशों के लिए। डीसीपी (ट्रैफिक वेस्ट) नीता देसाई और एसीपी (ट्रैफिक एडमिन) शैलेश मोदी ने स्पष्ट किया कि सतर्कता ग्रुप ने बिना सहमति के ये पोस्टर लगाए। विवाद के बाद सभी पोस्टर हटा दिए गए।

0 जांच के दायरे में एनजीओ

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, जिसमें यह देखा जा रहा है कि क्या सतर्कता ग्रुप ने अहमदाबाद नगर निगम से पोस्टर लगाने की अनुमति ली थी। नागरिकों और विपक्ष ने इन पोस्टरों को डर फैलाने वाला और महिला सुरक्षा के प्रति गलत दृष्टिकोण दर्शाने वाला बताया।

0 जनता का गुस्सा और सवाल

नागरिकों ने सवाल उठाया कि आखिर ऐसी आपत्तिजनक सामग्री को सार्वजनिक करने की अनुमति कैसे दी गई। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस तरह के संदेशों को असंवेदनशील और समाज में डर पैदा करने वाला करार दिया।