अच्छे संकेत : बेरोजगारी दर घटकर 5.2% पर पहुंची,शहरों में बेरोजगार गांव की तुलना में अधिक

00 जुलाई 2025 में बेरोजगारी दर में कमी एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दीर्घकालिक समाधान के लिए शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को संतुलित करना होगा।

00 सरकार को युवाओं और महिलाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मजबूत करने और अनौपचारिक क्षेत्र को औपचारिक बनाने पर जोर देना होगा। अगला त्रैमासिक पीएलएफएस रिपोर्ट (अप्रैल-जून 2025) अगस्त में जारी होने वाली है, जो इस ट्रेंड की निरंतरता को समझने में मदद करेगी।

TTN Desk

नई दिल्ली: भारत में जुलाई 2025 में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, बेरोजगारी दर घटकर 5.2% पर आ गई है, जो पिछले तीन महीनों में सबसे निचला स्तर है। अप्रैल 2025 में बेरोजगारी दर 5.1% थी, जो मई और जून में बढ़कर 5.6% पर पहुंच गई थी। जुलाई में इसकी गिरावट से रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों में सुधार के संकेत मिलते हैं।

0 गांव की तुलना में शहरों में बेरोजगारी ज्यादा

आंकड़ों के अनुसार, गाँवों में बेरोजगारी दर अपेक्षाकृत कम रही, जबकि शहरों में यह अधिक देखी गई। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 4.4% के आसपास रही, वहीं शहरी क्षेत्रों में यह 7.2% तक पहुंच गई। यह अंतर मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में नौकरी के अवसरों की असमानता और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित रोजगार की उपलब्धता को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि शहरी बेरोजगारी में वृद्धि का कारण युवाओं और महिलाओं के लिए पर्याप्त कौशल प्रशिक्षण और नौकरी के अवसरों की कमी हो सकती है।

0 आर्थिक सुधार और रोजगार सृजन की पहल

जुलाई में बेरोजगारी दर में कमी को सरकार की ओर से शुरू की गई विभिन्न रोजगार सृजन योजनाओं और आर्थिक सुधारों का परिणाम माना जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, विनिर्माण और खुदरा जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। इसके अलावा, छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) में भर्तियों में वृद्धि ने ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में भी सकारात्मक प्रभाव डाला है। सरकार की ओर से हाल ही में मंजूरी पाई गई एंप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) योजना, जो अगले दो साल में 3.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखती है, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

0 महिलाओं और युवाओं की स्थिति

हालांकि समग्र बेरोजगारी दर में कमी आई है, लेकिन लैंगिक आधार पर असमानताएं अभी भी चिंता का विषय हैं। आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं में बेरोजगारी दर 8.7% रही, जो पुरुषों की 4.6% की तुलना में काफी अधिक है, खासकर शहरी क्षेत्रों में। युवाओं (15-29 आयु वर्ग) में बेरोजगारी दर भी औसत से अधिक रही, जो शहरी क्षेत्रों में 17.2% और ग्रामीण क्षेत्रों में 12.3% दर्ज की गई। यह दर्शाता है कि शिक्षा और कौशल विकास पर और ध्यान देने की आवश्यकता है।